श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 05

सूत्र - 01

Description

अणुव्रती बनना मतलब त्रस जीवों पर दया करनाइन्द्रिय असंयमराग और द्वेष साथ-साथ चलते हैं कर्म बंध से  अपने आप को बचाना हैबंध के कारण जान कर ही हम कर्म से मुक्ति पाएंगे     

Sutra

       मिथ्या-दर्शना-विरति-प्रमाद-कषाय-योगाबन्ध-हेतव:॥8.1॥ 

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WINNERS Day 05

01st, April 2023 


WINNER-1 


WINNER-2


WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

इन्द्रिय असंयम के कितने प्रकार होते हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/59V8ntTada9ViLbK7 

Summary