श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 26


सूत्र -24,25

Description

लौकान्तिक देव एक भवावतारी होते हैंलौकान्तिक देवों की विशेषताएँ लौकान्तिक देव कथञ्चित अहमिन्द्रों से भी विशिष्ट हैं सभी लौकान्तिक देव सम्यग्दृष्टि होते हैं लौकान्तिक देवों के निवास स्थान के बाहर घोर अन्धकार है, जहाँ अन्य देव भटक जाते है नौवें द्वीप अरुणवर द्वीप से यह अन्धकार ऊपर उठता हुआ स्वर्गों तक जाता है अत्यन्त घोर अन्धकार होता है यहसैकड़ों सूर्य-चन्द्रमा का प्रकाश भी उस अन्धकार को नष्ट नहीं कर सकतायह एक विशेष quality का अन्धकार है सूर्य के प्रकाश को बादल के द्वारा या राहु ग्रह के द्वारा ढ़का जा सकता हैलौकान्तिक देवों के प्रमुख भेद  आठ प्रकार के लौकान्तिक देवों के निवास स्थान का दिशानुसार वर्णनआठ प्रकार के लौकान्तिक देवों में प्रत्येक की संख्या लौकान्तिक देवों की कुल संख्या             

Sutra

 ब्रह्मलोकालया लौकान्तिकाः॥24॥ 

सारस्वता-दित्य-वह्न्यरुण-गर्दतोय-तुषि-ताव्याबाधा-रिष्टाश्च ॥25 

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WINNERS 

Day 26

27th Jan, 2023

सीमा प्रवीण कोठारी

गुलबर्गा

WINNER-1


Pinki Jain

Delhi

WINNER-2


Mina c Sankhesara

Ahmedabad

WINNER-3


Sawal (Quiz Question)

तुषित नाम के लौकांतिक देव कौनसी दिशा में होते हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/zBPYazkSz5CGfpUc8 

Summary