श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 10

सूत्र - 11

Description

व्रतियों के लिए ये भावनाएँ भाने से व्रतों की विशुद्धि बढ़ती है पहली मैत्री भावना का वर्णनदूसरों के सुख में दुखी होना ! मैत्री भाव हमारे अंदर समानता का भाव देता है प्रमोद भाव का वर्णन उदासीन मतलब तटस्थ होना गुणी जनों के प्रति अपने मन में प्रमोद भाव होना चाहिए बड़ों से jealousy नहीं आनी चाहिएचार category के लिए चार भावनाएँ

Sutra

मैत्रीप्रमो-दकारुण्य माध्यस्थानि च सत्त्वगुणाधिक क्लिश्यमाना-विनयेषु।।7.11।।

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WINNERS Day 10

05th, Dec 2023 

Rita Jain

Ajmer

WINNER-1

Kaushalya Jain

Lucknow

WINNER-2

Mukesh Jain

Ashoknagar

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

गुणाधिक के साथ में निम्न में से कौनसी भावना को जोड़ना है?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/bRvxcVRakB3UfGh26

Summary