श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 19


सूत्र -20,21

Description

वैमानिक देवों में ऊपर-ऊपर वृद्धिंगत चीजों का वर्णन देवों में श्राप और अनुग्रह की उत्तरोत्तर बढ़ती हुई शक्ति का वर्णनइतना अवश्य है कि यह सब होते हुए भी कोई भी देव इस तरह की शक्ति का प्रयोग नहीं कर सकता। करता भी नहीं और कर भी नहीं सकता। देव अपनी इस शक्ति का प्रयोग क्यों नहीं कर सकते? व्यन्तर आदि देवों में भी इस प्रकार की शक्ति होती है। ऊपर-ऊपर के स्वर्गों के देवों में इन्द्रिय-सुख की वृद्धि का वर्णनवैमानिक देवों में ऊपर-ऊपर हीन-हीन होने वाली चीजों का वर्णनऊपर-ऊपर के देवों गमन-आगमन में कमी का कारणकल्पातीत देव अपने विमान को छोड़ के कहीं नहीं जातेनरकों में भी केवल बारहवें स्वर्ग तक के देव ही जाते हैं। सोलहवें स्वर्ग तक के देवों का भी आवागमन मध्यलोक तक होता हैं। नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश और पाँच अनुत्तर के सभी देव अहमिन्द्र होते हैं।                                                                                                        

Sutra

स्थिति-प्रभाव-सुख-द्युति-लेश्याविशुद्धीन्द्रियावधि-विषयतोऽधिकाः॥20॥

गति-शरीर-परिग्रहाभिमानतो हीनाः॥21॥ 



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WINNERS 

Day 19

13th Jan, 2023

Nirmala Jain

AKOLA

WINNER-1

Anjali Choudhary

DAMOH

WINNER-2

कल्पना

JABALPUR

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

निम्न में से कौनसे स्वर्ग के देव नरकों में आवागमन करते हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/vCgN3SDYM2fA1nvL6 

Summary