श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 20


सूत्र -20,21

Description

किसी से बात करने पर भी सुख-दुःख की प्राप्ति होती है। अपने अन्दर बोरियत होने का भाव कषायों की अधिकता होने के कारण होता है। बड़े-बड़े corporate के जो लोग ज्यादा मिलना-जुलना, बातचीत करना पसन्द नहीं करते। ऊपर-ऊपर के देवों के शरीर की ऊँचाई भी हीन-हीन होती जाती हैंवैमानिक देवों के शरीर की ऊँचाईऊपर-ऊपर स्वर्गों में परिग्रह की हीनताशरीर ही मुख्य परिग्रह हैसभी देवों का समचतुरस्र संस्थान होता है। समचतुरस्र संस्थान मतलबकम परिग्रह अधिक सुख का सूचक है। ऊपर-ऊपर परिग्रह की quantity में कमी है, लेकिन उसकी quality अधिक हैहमें भी यह सीखना चाहिएऊपर-ऊपर के स्वर्गों में अभिमान की भी हीनता होती है                                                                                   

Sutra

स्थिति-प्रभाव-सुख-द्युति-लेश्याविशुद्धीन्द्रियावधि-विषयतोऽधिकाः॥20॥

गति-शरीर-परिग्रहाभिमानतो हीनाः॥21॥ 



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WINNERS 

Day 20

16th Jan, 2023

Sanjana Singh 

Delhi 

WINNER-1

Kumud

U.S.A

WINNER-2

Nirmal Sushil Jain 

Punjab 

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

देवों का शरीर एक हाथ प्रमाण कहाँ रहेगा?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/EfwdhtyC4ZVhJuu78 

Summary