श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 29

सूत्र -24,25

Description

 प्रवचन भक्तिआवश्यकपारिहाणि भावना अर्थात व्रत , नियम, संयम, आवश्यक का पालन करना जिनेन्द्र भगवान द्वारा दिखाए हुए मार्ग की प्रभावना करना – मार्ग प्रभावना भावना प्रवचन वत्सलत्व भावना नीचे गोत्र के आस्रव के कारण पर की निन्दा और स्वयं की प्रशंसा - नीच गोत्र आस्रव का कारण है

Sutra

 दर्शन-विशुद्धि-र्विनयसम्पन्नता-शील-व्रतेष्वनती-चारोभीक्ष्ण-ज्ञानोपयोग-संवेगौ-शक्तितस्त्याग तपसी-साधुसमाधि-र्वैय्यावृत्त्यकरण-मर्हदाचार्य बहुश्रुत-प्रवचनभक्ति-रावश्यका-परि-हाणि-र्मार्ग-प्रभावना- प्रवचन-वत्सलत्व-मिति तीर्थकरत्वस्य।।24।। 

परात्म-निन्दा-प्रशंसे सदसद्-गुणोच्छादनोद् भावने च नीचै र्गोत्रस्य।।25।।

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WINNERS Day 29

06th Oct, 2023

Sadhna

Bhopal

WINNER-1

Manojkumar Ravsaheb

 (Maharashtra)

WINNER-2

Yug Jain 

Surat

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

निम्न में से नीच गोत्र के आस्रव का क्या कारण होता है?

Abhyas (Practice Paper)

https://forms.gle/YMvEs4FPNgup1N8r7 

Summary


आचार्य भक्ति में आचार्य परमेष्ठी से