श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 37

सूत्र - 22,23,24

Description

संज्ञी जीव ही मन के विशेष कार्य करते हैं l विशेष-मन के क्या कार्य l मन का कार्य शरीर के हलन-चलन की क्रिया l हमारे शरीर के सारे संकेत brain से ही जाते हैं l मृत्यु का समाचार भोजन का रस, भय में बदल गया l paralysis में मन को क्या होता है? पाचन में भी शान्त मन का होना जरुरी है l

Sutra

वनस्पत्यन्तानामेकम्।l22।l

कृमिपिपीलिकाभ्रमरमनुष्यादीनामेकैक वृद्धानि।l23ll

संज्ञिनः समनस्काः।l24ll

Watch Class 37

WINNERS

Day 37

16th June, 2022

Chanda patodi

Bhilwara

WIINNER- 1

Krishna Jain

Hisar

WINNER-2

अनीता जैन

Delhi

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

निम्न में से कौनसा जीव मन से रहित है?

  1. संज्ञी

  2. सैनी

  3. असैनी *

  4. समनस्क

Abhyas (Practice Paper):

Summary


  1. जो मन से सहित हैं, समनस्क हैं उनको आचार्य ने संज्ञी कहा है

  2. हमने संज्ञी और समनस्क में अंतर को समझा

  3. समनस्क और संज्ञी दोनों मन से सहित होते हैं लेकिन संज्ञी जीव मन के विशेष-कार्य करते हैं

  4. जब कोई मूर्छित है, गर्भ में है या अण्डों के अन्दर है तो भी वह मन सहित है, समनस्क है

    • लेकिन वह एक तरह से मन से जीवित नहीं है

    • यह सामान्य मन हो गया


  1. जब वह मन से जीवित हो, उससे कुछ विशेष कार्य करे तो उसे विशेष मन कहते हैं

  2. विशेष-मन को वस्तुतः संज्ञी कहत हैं

  3. विशेष-मन के कार्य हैं शिक्षा ग्रहण करना, क्रिया करना और आलाप करना

  4. शिक्षा मतलब सीख लेना- जो पढ़ाया जाए, सिखाया जाए, उसको समझ पाना

    • सीखना और सिखाना विशेष मन से ही होता है

      1. जैसे मेरा नाम यह है,

      2. ये आपके पापा है,

      3. आपका घर वहाँ है आदि


  1. अपने ही खुद के अंगों पर अपने मन के अनुसार क्रिया करना भी विशेष मन का ही कार्य है

    • इसे हम मन वचन काय की प्रवृत्ति कहते हैं

  2. जब किसी बीमारी में मन को आघात पहुँचता है तो फिर मन फिर कुछ नहीं करता और न संकेत ग्रहण करता है

    • वह सामान्य हो जाता है और क्रियाएँ बंद हो जाती है


  1. Science के अनुसार भी हमारी सभी क्रियाएँ brain के signal से शुरू होती हैं

    • और शरीर की सभी नसों का connection यहीं से है


  1. सिर्फ विचार करने मात्र से शरीर में अपने-आप enzymes सही स्थान पर बनने लगते हैं और ग्रंथियों के माध्यम से सही स्थान पर पहुँच जाते हैं, जहाँ पर उनकी जरूरत है

    • जैसे भोजन की इच्छा करते ही, brain को पहला संकेत पहुँचता है कि भोजन करना है, फिर पेट को संकेत पहुँचता है और वहाँ पर भूख पैदा करने वाले रस बनना शुरू हो जाते हैं

    • पर यदि कहीं इस समय किसी की मृत्यु का समाचार आ जाये तो भोजन का रस बनना बंद हो जाता है और भय का, चिंता का रस बनाने लगता है


  1. paralysis में भी संकेत देने वाली ग्रंथियाँ का दिमाग से सम्बन्ध थोड़ा-सा disconnect हो जाता है

    • फिर वह हाथ हिलाना चाहेगा तो भी हिला नहीं सकेगा

    • उसे लगेगा ही नहीं यह मेरा हाथ है


  1. सब मन से शुरू होता है

  2. मन के ही माध्यम से brain सही काम करती है

  3. हमने जाना कि भोजन पचाने के लिए भी भी मन शान्त होना जरुरी है

    • यदि परिणामों में किसी-भी तरीके का चिन्ता, भय, उद्वेग होगा तो नियम से मान कर चलो कितना ही अच्छा भोजन किया होगा, उसका digestion ठीक नहीं होगा