श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 25


सूत्र -23,24

Description

सूत्र का अर्थ, सिद्धान्त ग्रन्थों से विरोध को प्राप्त नहीं होना चाहिए, अतः इस सूत्र में मिश्र लेश्याओं का कथन भी जाननाकिन-किन स्वर्गों में मिश्र लेश्याएँ पायी जाती हैं? आचार्य विद्यानन्दी महाराज द्वारा श्री श्लोकवार्तिक ग्रंथ में की गई इस सूत्र की व्याख्याश्री सर्वार्थसिद्धि ग्रन्थ के अनुसार इस सूत्र की व्याख्या करने पर शतार-सहस्रार स्वर्ग में शुक्ल लेश्या का कथन आता है जबकि वहाँ पर पद्म लेश्या की मुख्यता है, शुक्ल लेश्या गौण हैआचार्य विद्यानन्दी महाराज की व्याख्या के अनुसार शतार-सहस्रार में पद्म लेश्या सिद्ध हो जाती है। आचार्य विद्यानन्दी महाराज के अनुसार 'त्रि-शेषेषु' की व्याख्यादो आचार्यों के अभिप्राय से उपरोक्त दो व्यवस्थाएँ बैठती हैलौकान्तिक देवों का वर्णनलौकान्तिक देवों का वर्णन अलग से करने का कारणलौकान्तिक देवों की व्यवस्था ब्रह्म स्वर्ग में रहने वाले देवों से बिल्कुल अलग होती हैलौकान्तिक, जिन्होंने अपने लोक अर्थात् संसार का अन्त कर दियाउपचार से कथन करने की पद्धति                                                                                                                           

Sutra

   प्राग्ग्रैवेयकेभ्यः कल्पाः॥23॥ 

 ब्रह्मलोकालया लौकान्तिकाः॥24॥ 

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WINNERS 

Day 25

26th Jan, 2023

Sushama Prakash Jain

Nagpur

WINNER-1

Uma Jain

Jaipur 

WINNER-2

Deepika Jain

Jaipur

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

निम्न में से किस युगल कल्प में मिश्र लेश्याएँ पायी जाती हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/Fr3bzoQVcwzwqm7i8 

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