श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 04

सूत्र - 01

Description

अविरति के भेदकाय की अपेक्षा से जीव छह प्रकार के होते हैंकषाय के कारण से ही विरति नहीं होतीस्थावर जीवों की रक्षा का भाव बहुत बाद में आता है द्वेष भाव से हिंसा होती हैकषाय के कारण सभी की रक्षा की भावना नहीं आतीदेश प्रेम और जीव दया अलग बात है     

Sutra

       मिथ्या-दर्शना-विरति-प्रमाद-कषाय-योगाबन्ध-हेतव:॥8.1॥ 

Watch Class 04

WINNERS Day 04

29th, March 2023 


WINNER-1 


WINNER-2


WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

अविरति के कुल कितने भेद होते हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/dChbuLNcaZs4kZuG6 

Summary