श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 12

सूत्र - 08

Description

पुद्गल द्रव्य की सक्रियता में जीव द्रव्य कारण नहीं हैंहमारा शरीर भी पुद्गल का परिणमन हैजीव के ज्ञान का क्षयोपशम भी पुद्गल(कर्म) सापेक्ष हैअगर हम पुद्गलों से अपने आप को मुक्त करने का प्रयास करेंगे, तो हम धीरे-धीरे अपने आपको निष्क्रिय बनाएँगे और हम शुद्ध होने की ओर बढ़ेंगेसिद्ध भगवान निष्क्रिय हैंधर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और प्रत्येक जीव द्रव्य असंख्यात-असंख्यात प्रदेश वाले होते हैंप्रदेश किसे कहते है? एक प्रदेश पर पुद्गल के अनन्त परमाणु अवगाहित हो सकते है, Science ने Quantum physics से इसको समझाया हैधर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और प्रत्येक जीव द्रव्य के असंख्यात प्रदेश लोकाकाश के असंख्यात प्रदेश के बराबर हैजीव का संकोच-विस्तार स्वभावलोकपूरण समुद्घात में केवली भगवान का एक-एक प्रदेश पूरे लोकाकाश पर फैल जाते हैं                                     

Sutra

      असंख्येय प्रदेशाः धर्माधर्मैक जीवानाम‌् ।।8।। 

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WINNERS

Day 12

11th Apr, 2023

Manisha Jain

Shirpur

WINNER-1

Yashika Jain

Kumbhraj

WINNER-2

Pratibha jain

Dharangaon

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

निम्न में से कौनसा द्रव्य असंख्यात प्रदेश वाला नहीं है?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/nWUwv6yNKu6aA4UPA 

Summary