श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 25

सूत्र -22,23

Description

अशुभ नाम कर्म के हेतु भावों में कुटिलता अशुभ नाम कर्म के बंध का कारण है योगों की वक्रता अशुभ नाम के बंध का कारण हैपूर्व जन्म का पाप बंध अशुभ नाम कर्म का कारण होता हैविकृत शरीर संरचना भी अशुभ नाम कर्म के उदय से होती हैविसंवाद माने अन्य को मार्ग भटकाना अशुभ नाम कर्म के बंध का कारण हैसही रास्ते पर चलते को अन्यथा प्रवृत्ति कराना विसंवाद हैशुभ नाम कर्म के आस्रव के कारणदूसरे के गुणों की प्रशंसा करने से शुभ नाम कर्म का आस्रव होता है                                             

Sutra

        योगवक्रता विसंवादनं चाशुभस्य नाम्न:।।9.22।। 

            तद्विपरितं शुभस्य।।9.23।। 

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WINNERS Day 25

13th Sept, 2023


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Sawal (Quiz Question)

दूसरे की प्रशंसा करने से कौनसे कर्म का आस्रव होता है?

Abhyas (Practice Paper)

https://forms.gle/8UNdsqM5f3v56RXFA 

Summary