श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 34
सूत्र - 25
सूत्र - 25
पुद्गल द्रव्य की विशेषताएँ। अणु और स्कंध किसे कहते है? एक परमाणु के अन्दर एक क्षण में केवल दो गुण होंगे। परमाणु के पांच गुण। परमाणु का आकार क्या है ? कार्य परमाणु और कारण परमाणु किसे कहते है ? आचार्यो ने स्कन्ध के छह प्रकार बताए है। परमाणुओं के मिलने से स्कन्ध बनते है।
अणवःस्कंधाश्च ॥5.25॥
HirachandJain
DeulgaonRaja
WINNER-1
Rajendra Kumar gangwal
Beawar
WINNER-2
Swati pradipkumar Sahu
Auranganad
WINNER-3
स्पर्श कितने प्रकार के होते हैं?
दो (2)
पांच (5)
छह (6)
आठ (8)*
सूत्र पच्चीस अणवःस्कंधाश्च में हमने पुद्गल के सूक्ष्मतम भेद अणु या atom और उत्कृष्टतम भेद स्कन्ध या molecules को जाना
उत्कृष्टतम भेद को कहीं-कहीं महास्कन्ध भी कहते हैं
अणु एक particle रूप में अविभाज्य कण है
इसका कोई आदि, अन्त और मध्य नहीं होता
यह आकाश के एक प्रदेश के बराबर स्थान घेरता है
सूत्र में शब्द “च” से हमने जाना कि
अणु और स्कन्ध बहुत प्रकार के होते हैं; उनके समुच्चय को ग्रहण किया
पुद्गल की शब्दादि पर्याय भी अणु और स्कन्ध भेद रूप होती हैं
पुद्गल के स्पर्श आदि सभी गुण अणुओं और स्कन्धों में भी होते हैं
पर्याय भी अणु और स्कन्ध से बनती हैं
एक परमाणु के अन्दर कुल पाँच गुण होते हैं
आठ में से दो स्पर्श गुण
पाँच में से एक रस गुण
दो में से एक गंध गुण
पाँच में से एक वर्ण गुण
स्पर्श में परमाणु
स्निग्ध और रूक्ष में से एक गुण वाला
और शीत और उष्ण में से एक गुण वाला होगा
यह गुरू, लघु यानि हल्का-भारी और कठोर-मृदु नहीं होता
हल्का-भारी और कठोर-मृदु तो स्कंध होते हैं
पुद्गल का अंश होने से परमाणु के अन्दर द्रव्यपना है
यह गुणों को धारण करता है
और इसमें पर्यायें भी होती हैं
पुद्गल की संस्थान पर्याय में
triangle आदि particular shape को इत्थंभूत संस्थान
और particular shape न होने को अणित्थंभूत संस्थान कहते हैं
लेकिन परमाणु की आकृति के विषय में आचार्य एकमत नहीं हैं
कोई इसे गोल
तो कोई चौकोर
तो कोई छह दिशाओं वाला कहते हैं
लेकिन सभी इसे एक प्रदेशी ही मानते हैं
हमने जाना कि परमाणु भी दो रूप होता है
पहला कारण परमाणु जिनके माध्यम से स्कन्ध बन रहे हैं
और कार्य परमाणु जो स्कन्धों के टूट करके कार्य के साथ में उत्पन्न हुए हैं
द्रव्य की अपेक्षा से परमाणु नित्य होता है
और पर्याय की अपेक्षा से अनित्य
इसके अन्दर हम नित्यतता-अनित्यतता, कारण-कार्य की व्यवस्था, भेद-अभेद दृष्टि, सब लगा सकते हैं
दुनिया में दिखाई देने वाले स्कन्ध अणुओं का समूह होते हैं
दो, तीन, संख्यात, असंख्यात, अनन्त, अनन्तानन्त परमाणुओं के मिलने से क्रमशः दो, तीन, संख्यात, असंख्यात, अनन्त, अनन्तानन्त परमाणुओं वाले स्कंध की formation होती है
स्कन्ध छह प्रकार के होते हैं
पहला स्थूल-स्थूल या बादर-बादर
इनका nature बहुत ही gross gross होता है
ये आँखों से देखने में और हाथों से ग्रहण करने में आते हैं
इसके कई टुकडे करने के बाद; साथ रखने पर भी ये आपस में नहीं मिलते
जैसे लकडी, पत्थर, प्लास्टिक
दूसरा स्थूल या बादर यानि only gross
ये भी दिखायी देते हैं और पकड़ में आते हैं
लेकिन अलग करके मिला देने पर; ये अपने आप mix हो जाते हैं
जैसे जल, घी
तीसरा स्थूल सूक्ष्म या बादर सूक्ष्म
यानि Gross plus subtle
ये दिखते हैं इसलिए स्थूल
और पकड़ में नहीं आते हैं इसलिये सूक्ष्म होते हैं
जैसे धूप, छाया, darkness आदि
चौथा सूक्ष्म स्थूल यानि subtle cum gross
ये दिखायी नहीं देते इसलिये सूक्ष्म
तथा चक्षु इन्द्रिय के सिवाय अन्य इन्द्रियों से ग्रहण करने में आते हैं इसलिए स्थूल होते हैं
इनमें स्पर्श, रस और गंध गुण की प्रमुखता होती है
हमने जाना कि हम रस को देख नहीं सकते
यदि हमें शक्कर देखकर मीठी लगे तो इसका मतलब है कि हमारे लिए ज्ञान और ज्ञेय एकमेक हो गया है
अपने पूर्व ज्ञान से हमने उसका रस ले लिया है
अन्यथा बिना इन्द्रिय के संपर्क में आये पदार्थ का रस ग्रहण नहीं कर सकते