श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 03

सूत्र - 02,03

Description

 व्रत लेने की भावना न होना सम्यग्दृष्टि का गुण नहीं‘असुहादो विणविती सुहे पवित्तीय जाण  चारित्तं, वद  समिदि  गुत्ति  रूवं’कृतव्रतपरिकर्मा हि साधुः सुखेन संवरं करोतिअहिंसा में सब शामिल हैपरिकर का महत्व           

Sutra

  देशसर्वतोणुमहती।।7.2।।

तत्स्थैर्यार्थमभावना: पञ्च पञ्च’।।7.3।।  

Watch Class 03

WINNERS Day 03

6th, Nov 2023 

Varsha Doshi

Malad East

WINNER-1

Usha kasliwal

Jaipur

WINNER-2

Tara Jain

NANDED

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

पाँचों व्रतों में मुख्यता किस व्रत की है?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/e5UfxMREhXAiqWdy8 

Summary