श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 03
सूत्र - 01
सूत्र - 01
सम्यग्दृष्टि कौन? धर्म ध्यान है शुभोपयोग । शुद्धोपयोग क्या है? धर्म ध्यान पुरुषार्थपूर्वक होता है । पंचम काल का पुरुषार्थ । धैर्य धारण करें । पुण्य कर्म सहयोगी हैं । निर्मल परिणामों के साथ धर्म ध्यान में रत रहें । आत्म कल्याण की भावना के साथ सदैव जागृत रहें । निरन्तर चिन्तन करने से श्रद्धान दृढ़ होगा । बाहरी परिस्थितियों में विचलित न हों । विज्ञान या अज्ञान ? पंचम काल में केवलज्ञान का बीज: उपशम सम्यग्दर्शन ।
मोहक्षयाज्ज्ञान-दर्शनावरणान्तराय-क्षयाच्च केवलम्॥10.1॥
23, Apr 2025
WINNER-1
WINNER-2
WINNER-3
पंचम काल मे केवलज्ञान का बीज किसे कहा गया है?
सम्यक् मिथ्यात्व को
उपशम सम्यग्दर्शन को *
क्षयोपशम सम्यग्दर्शन को
क्षायिक सम्यग्दर्शन को