श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 28

सूत्र -24

Description

तीर्थंकर नाम कर्म के आस्रव की एक और सोलहकारण भावना – साधु-समाधि भावनावैय्यावृत्त्यकरण भावनासाधु समाधि भावना और वैय्यावृत्त्यकरण भावना में अन्तरभक्ति मुक्ति का कारण हैअर्हत् भक्ति भावनाप्रवचन भक्ति भावनापंचम काल में श्रुतभक्ति, जिन भक्ति, गुरुभक्ति करके भक्ति कर सकते हैंआगम विरुद्ध चर्चा करके जिन शासन की अवहेलना होती हैआचार्य परमेष्ठी के गुणों में अनुराग रखना आचार्य भक्ति भावना है बहुश्रुत भक्ति भावना भी तीर्थंकर नाम कर्म के शुभ आस्रव का कारण है

Sutra

        दर्शन-विशुद्धि-र्विनयसम्पन्नता-शील-व्रतेष्वनती-चारोभीक्ष्ण-ज्ञानोपयोग-संवेगौ-शक्तितस्त्याग तपसी-साधुसमाधि-र्वैय्यावृत्त्यकरण-मर्हदाचार्य बहुश्रुत-प्रवचनभक्ति-रावश्यका-परि-हाणि-र्मार्ग-प्रभावना- प्रवचन-वत्सलत्व-मिति तीर्थकरत्वस्य।।9.24।। 

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WINNERS Day 28

5th Oct, 2023

अमित जैन

राँची

WINNER-1

Manju Jain

Meerut

WINNER-2

कल्पना अनील डहाळे

पूना

WINNER-3


Sawal (Quiz Question)

किसी के लिए लंबे समय तक आये कोई भी तरह के कष्ट या रोग को दूर करने की कोशिश करने का क्या नाम है?

Abhyas (Practice Paper)

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