श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 17


सूत्र -19

Description

सौधर्म-ऐशान स्वर्ग का विस्तार कुछ कम डेढ़ राजूछह राजू में सोलह स्वर्गों का विस्तार'नौ ग्रैवेयक' लोक की ग्रीवा(गर्दन)एक राजू में नौ ग्रैवेयक, नौ अनुदिश, पाँच अनुत्तर और सिद्धलोकग्रैवेयक आदि की स्थितिसर्वार्थसिद्धि की व्यवस्था अन्य अनुत्तर विमानों से भिन्न हैदेवों के सभी विमान कुल त्रेसठ पटलों में अवस्थित है                                                                                                 

Sutra

सौधर्मेशान-सानत्कुमारमाहेन्द्र-ब्रह्मब्रह्मोत्तर-लान्तवकापिष्ट-शुक्रमहाशुक्र-शतारसहस्त्रा-रेष्वानतप्राणतयो-रारणाच्युतयो-र्नवसुग्रैवेयकेषु-विजय-वैजयन्त-जयन्तापराजितेषु-सर्वार्थसिद्धौ-च ।।19।। 

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WINNERS 

Day 17

10th Jan, 2023

Sarita


Vidisha 

WINNER-1

Nipun Kothari 

Gulabarga

WINNER-2

Ritu Jain 

Bhilai 

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

नौ अनुदिश में कितने इन्द्रक होते हैं?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/DYc3KTydjcxwJkG4A 

Summary