श्री तत्त्वार्थ सूत्र Class 07

सूत्र - 04

Description

पंच अस्तिकाय लोक और अलोकलोक नित्य हैप्रत्येक द्रव्य में सामान्य और विशेष गुण दो प्रकार के गुण पाए जाते हैं द्रव्यों के विशेष गुणद्रव्यों के सामान्य गुणद्रव्यार्थिक नय और पर्यायार्थिक नयद्रव्यार्थिक नय सामान्य का कथन करता है और पर्यायार्थिक नय विशेष काद्रव्य का मूल स्वभाव नित्य है और उसकी पर्यायें अनित्यद्रव्य के सामान्य और विशेष गुण सभी हमेशा उसमें पाए जाते है, इस अपेक्षा वे सभी नित्य हैंपर्यायें अनित्य होती हैंगतिहेतुत्व धर्म द्रव्य का विशेष गुण है, जो कि उसमें हमेशा रहता है, अतः यह नित्य है  पर्यायें नित्य भी होती हैं। किस अपेक्षा से? यह हमें समझना हैद्रव्य के विशेष स्वभाव की नित्यता भी पर्यायार्थिक नय से कही जाती है, यह अनेकांत का अनेकांत है जैन धर्म के द्रव्य की नित्यता का सिद्धांत और Einstein का law of conservation of energy (ऊर्जा के संरक्षण का सिद्धांत) की समानता

Sutra

   नित्या-वस्थितान्य-रूपाणि।।4।।

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WINNERS

Day 07

31st Mar, 2023

Vimla jain

Mahroni

WINNER-1

Kirti Dewal

Vidisha

WINNER-2

Maya jain

Bhilachttsgh

WINNER-3

Sawal (Quiz Question)

जितने आकाश के क्षेत्र में पाँच काय रहते हैं, वह क्षेत्र क्या कहलाता है?

Abhyas (Practice Paper):

https://forms.gle/cZt6EBcdND1vnYX86 

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