-मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज
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मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज
वर्तमान में अहं से अर्हं के पथ पर चलने वाले अग्रणी संत हैं आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी। आचार्य श्री के खजाने का एक नायव हीरा जिन्हें अगर सरस्वती पुत्र कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ऐसे बालयोगी मुनि श्री 108 प्रणम्य सागर जी महाराज संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश आदि प्राचीन भाषायों में निपुण हैं। अपने 24 साल के साधना के अनुभव और प्राचीन ग्रंथों के मर्म को समझकर मानवमात्र के लिए बड़ी ही सरल भाषा में प्रस्तुत किया है।